मार्केट ऑर्डर आखिर क्या है?
यह कैसे काम करता है?
आप "मार्केट बाय" पर क्लिक करते हैं → सिस्टम सीधे ऑर्डर बुक पर सबसे सस्ते सेल ऑर्डर को पूरा आपको खिला देता है।
आप "मार्केट सेल" पर क्लिक करते हैं → सिस्टम सीधे ऑर्डर बुक पर सबसे महंगे बाय ऑर्डर को पूरा आपको फेंक देता है।
पूरी प्रक्रिया सिर्फ कुछ मिलीसेकंड में, पलक झपकते ही ट्रेड हो जाता है, इसलिए इसे "टेकर" (Taker) भी कहा जाता है, फीस लिमिट ऑर्डर (मेकर) से थोड़ी ज्यादा होती है।
कब मार्केट ऑर्डर का इस्तेमाल ज़रूरी है?
- कॉइन की कीमत अचानक तेज़ी से बढ़ जाए, आप डरते हैं कि एक सेकंड और इंतजार किया तो चूक जाएंगे → मार्केट सीधे दौड़ो!
- कॉइन की कीमत अचानक गिर जाए, आप डरते हैं कि एक सेकंड और धीमे हुए तो लिक्विडेशन हो जाएगा → मार्केट तुरंत भागो!
- बिटकॉइन, इथेरियम जैसे हमेशा डेप्थ वाले राजा, स्लिपेज लगभग 0 → मार्केट बेफिक्र होकर करो, कुछ पैसे नहीं गंवाओगे।
- स्टॉप लॉस ट्रिगर नहीं हुआ, मार्केट पहले ही क्रैश हो चुका → जल्दी मार्केट से कट लो और जान बचाओ, हिचकिचाओ मत!
कब मार्केट ऑर्डर को कभी मत छुओ?
- छोटे शिटकॉइन, वॉल्यूम सिर्फ कुछ मिलियन डॉलर, ऑर्डर बुक पतली A4 पेपर जैसी → एक मार्केट ऑर्डर से, कीमत खुद 20% तक खींच सकते हो, भारी नुकसान!
- आप BTC से ढेर सारे शिटकॉइन एक्सचेंज करते हो, डेप्थ खराब → मार्केट ऑर्डर से ऑल-इन, बधाई हो, एक्सचेंज को हजारों U सीखने की फीस दे दी।
- आप बिल्कुल जल्दी नहीं हैं, कीमत कैलकुलेट करने की ज़हमत नहीं → फिर मार्केट क्यों करोगे, ईमानदारी से लिमिट ऑर्डर लगाओ और सो जाओ।
मार्केट ऑर्डर के मज़ेदार पॉइंट
- तेज़! लगभग 100% ट्रेड हो जाता है
- सरल! न्यूबी तीन सेकंड में सीख लें
- महत्वपूर्ण पल में जान बचा सकता है
मार्केट ऑर्डर के खतरनाक पॉइंट
- स्लिपेज आपको जीवन पर शक करने पर मजबूर कर सकता है
- फीस थोड़ी महंगी
- बिल्कुल कोई प्राइस कंट्रोल नहीं, नुकसान खुद पर निर्भर
एक वाक्य में सारांश
मार्केट ऑर्डर ट्रेडिंग जगत का "911 इमरजेंसी फोन" है:
आम तौर पर बेवकूफी से मत बजाओ, बजाने का समय वो होता है जब आप सच में मरने-जीने की कगार पर हो।
बड़े कॉइन के इमरजेंसी में इस्तेमाल करो, छोटे कॉइन की खराब डेप्थ पर ईमानदारी से लिमिट ऑर्डर लगाओ, खुद को चॉपिंग मशीन मत बनाओ।
याद रखो: लिमिट ऑर्डर लगा सकते हो तो मार्केट मत करो, मार्केट करने का समय आने पर भी मार्केट करने में देर नहीं!